ये तमस है घना
विचित्र सा है बड़ा
इस चक्रव्यूह में
में घिरा में घिरा
आकार अदृश्य है
फैलता अनंत है
प्रलय के पयोध सा
विश्व व्योम व्याप्त सा
ये तमस है घना
इस विहंगम द्रश्य में
इसके सानिध्य में
पुनः चक्रव्यूह में
में घिरा में घिरा
ये तमस है घना
आदि से अनंत की
करता है ये व्याख्या
और रिक्त अन्तराल में
सूझता है सांख्य सा
शून्य के प्रमाण सा
प्रत्यक्ष के प्रयाण सा
था वो तमस घना
Author: Me
1 comment:
Bad for Bad Should be Good. And this is how it should Go. But it is Not. Was It God ?Suffered By his creation?
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